आज मैं आपको Jivdhan Fort की full information देने वाला हू Jivdhan Fort नाणेघाट से 2 km और माळशेज से 32 कम के दुरी पे स्थित है जीवधन fort एक महाराष्ट्र का पहाडी fort मैं से एक है माळशेज मैं से एक ऐतिहासिक और पुणे से ट्रेकिंग के लिये लोकप्रिय मैसे एक fort है आये इस fort की deep से information देते हैं
जीवधन किले का इतिहास (Jivdhan fort History in hindi)
छत्रपती शिवाजी महाराज के जन्म काळ के समय निजामशाही अस्त को जा रहे थे, लेकिन इसका साक्षी एकमात्र किला जीवनधन Jivdhan fort है। 17 जून, 1636 को निजामशाही सलतनत डूब गई। शाहजी राजा ने निजामशाही ‘मूर्तिजा निजाम’ के अंतिम वंशज को रिहा कर दिया, जबकि उन्हें जीवनदान किले में कैद किया गया था और उन्हें संगनेर के पास पेमगिरी किले में ले जाया गया था। उन्हें निजामशाह घोषित किया गया और वे स्वयं वजीर बन गए। घाटघर जीवनधन की तलहटी में बसा एक गाँव है। भूमि बांस के पेड़ों की विशेषता है। गोरक्षगढ़ की तरह इस किले का द्वार भी चट्टान में खुदा हुआ है।
सातवाहन राजा यह महाराष्ट्र का पहला राजवंश था। सातवाहन राजा गौतमीपुत्र सतकर्णी ने शकों को नष्ट कर दिया और जुन्नार क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। इन राजवंशों ने सह्याद्रि में पहाड़ों के कंधों पर कई व्यापारिक दर्रे और किले बनवाए। लगभग 250 ईसा पूर्व, सातवाहन राजाओं ने जुन्नार के पास की पहाड़ियों को तोड़कर कोंकण और शेष क्षेत्र को जोड़ने वाले नानेघाट का निर्माण किया।
छत्रपती शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित किलों के सभी प्रवेश बिंदुओं पर एक ‘कला’ है और उस पर भगवान गणेश की नक्काशी की गई है। Jivdhan fort नानेघाट के बहुत करीब है। इसका इस्तेमाल व्यापारी रस्ता पे नजर राहणे के लिए किया जाता था। नानेघाट में एक टोल संग्रह बूथ था जहां वाणिज्यिक व्यापारियों से टोल एकत्र किया जाता था। इसे एक महत्वपूर्ण दर्रा माना जाता था क्योंकि यह मुख्य भूमि और समुद्र को मिलाने वाला प्रवेश द्वार था। इस पर हर समय कडीसी-कड़ी सुरक्षा रहती थी। जीवधन किल्ला नाणेघाट से बहोत करीब है यह अकासर पर्यटक की भिड रहती है
अहमदनगर की आदिलशाही के राजा मुर्तिजा निजाम ने मुगलो को जीवधन किल्ला मैं कैद किया था 1635 मैं छत्रपती शिवाजी महाराज के पिता शहाजी महाराज ने मुगल को कैद से निकल कर उनाको अहमदनगरका सिंहासन दे दिया
जीवधन fort से नाणेघाट तक लगबग 2 से 3 km का पठार हैं इसाका उपयोग दुश्मन संकेत पता चालतात 1818 मैं अंग्रेजोने Jivdhan fort पे कबजा कर दिया और fort की सिडीया तोड दिया
जिवधन किले के बारे में (Jivdhan Fort Information)
सह्याद्री पर्वत की श्रृंखला में से लगभग 3,757 फीट की उचाई पर स्थित जीवधन किल्ला पुणे के पास 5 प्रसिद्ध fort मैं से एक हैं अन्य चार fort चावंड, हडसर, शिवनेरी और नानेघाट हैं।इतिहास के अनुसार, Jivdhan fort सातवाहन युग का और ऐतिहासिक नानेघाट से निकटता के कारण पूरे इतिहास में एक महत्वपूर्ण किला रहा है। इस रास्ते का सुरक्षा की है जीवधन fort ने 1815 और 1818 के बीच घेराबंदी करने पर किले को अंग्रेजों ने लूट लिया ओर नष्ट कर दिया किल्ले का उतरी भाग अभी भी ठीक है
इस बिंदु से नानेघाट, हरिश्चंद्रगढ़, हदसर, चावंड और रतनगढ़ जैसे किलों के आश्चर्यजनक दृश्य देखे जा सकते हैं। जीवधन fort का मुख्य आकर्षण वरालिंगी शिखर है यह पे आकार लोग फोटो कीचावते है जीवधन तक पोहोचणे के दो मार्ग है आप नानेघाट मार्ग से का सकते है या घाट मार्ग से जा सकते हैं नानेघाट मार्ग केवल अनुभवी ट्रेकर्स के लिए ही उपयुक्त है क्योंकि यह काफी चुनौतीपूर्ण मार्ग है, और घने जंगलों के घिर हुवा है भ्रमित ट्रेल्स के कारण खो जाने की संभावना है। इस रास्ते से चोटी तक पहुंचने में करीब 2 घंटे का समय लगता सकता है। घाट मार्ग बहुत सारी चटाण होने के बाद भी नानेघाट मार्ग से बहुत easy मार्ग और 5 किमी कम है जीवदान फोर्ट सप्ताह के सात दिन २४ घंटे खुला होता है और भारतीय नागरको को अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार है और विदेशी नागरिक को अपना पासपोर्ट दिखाना आप इस फोर्ट पे Camping कर सकते हैं यह पर एका रूम हैं इस मैं लगबग 8 से 10 लोग रह सकते हैं
जिवधन किले पर क्या ले जाना है ( what to carry at jivdhan fort)
आपको jivdhan fort जाते समय एक good bag ले लेनी है ,पाणी बॉटल,खणेकेलिये ,good quality shoes,tea short, दवाई etc इस क्षेत्र में कोई भोजन केंद्र नहीं हैं, इसलिए अपने साथ पर्याप्त भोजन लें ताकि आप फोर्ट पे पहुंचने के बाद आप कुछ भोजन कर सकें। jivdhan fort का Trek कठीण ट्रेक मैं से है यह पे आपको रॉक क्लामिंग का आनंद ले सकते हैं .
बारिश मैं यह का नजारा देखणे लयात हो जाता है बारिश के कारण फोर्ट से नीचे की तरफ पाणी आता है इसासे झरणा तयार होता है और आपका ट्रेक आनंदमय होता है एक बार आप ऊपर पहोचाने के बाद आपको इस सारी थकान मिट जाती है फोर्ट का अदभुत नजारा देखणे के बाद
जीवधन किले पर देखने लायक स्थान (Places to visit at Jeevdhan Fort)
पश्चिम दरवाजे से अंदर अने के बाद आपको महालक्ष्मी का मंदिर दिकाई देता है ग्रामीण लोग इसे ‘कोठी’ कहते हैं। दक्षिण मैं जिवदेवी का गीरा हूवा मंदिर है फोर्ट के अंधर 5 अन्न भंडारे है .1818 मैं की लढाई मैं इस भंडार घर को आगा काही ठी वो राख अभी भी वाहापे है . फोर्ट के एक छोर पे 2000 फूट का बंदर कोण पर्यटको ध्यान अपणी वर खीचाता है .मंकी रिंग से कोंकण का खूबसूरत नजारा दिखता है. माळशेज घाट से नाना का अंगूठा, हरिश्चंद्रगढ़, हुडसर, चावंड, कुकदेश्वर का मंदिर, धसाई का छोटा बांध, काली टुकटुक रोड देखा जा सकता है .
- कोटी :-किल्ले पे यह एक भंडार ग्रह है यहा पे सावधानी से जाईये यहा आपको इस कोटिवो की खोज करते समय सावधान रहे अंधर आपको खौफनाक क्रॉलर मिल सकते हैं .
- वाटर सिस्टर्न: किले पर पानी के कुछ कुंड देखे है। कृपया इनमें से पानी का उपयोग न करें क्योंकि यह दूषित पाणी हो सकता है। आप ईस से बिमार पड सकते हैं
- उत्तर मोर्चा:- आप याहासे आसपास की किल्ले देख सकते है
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जीवधन किले के मार्ग ( Jivdhan Fort Trek Info )
Jivdhan Fort Trek का कल्याण नगर मार्ग पर पहुचाने बाद पठार स्टार्ट होता है इस पठार की दाईनी वोर जंगल के तरफ जाणे के लिये रास्ता है इस जंगल को पर करणे के बाद एक चट्टान की दीवार दिखाई देती है इस दीवार को चीपकाते हुई दाई वोर का रास्ता बंदर शंकू की तरफ जाता है
Jivdhan Fort Trek का दुसरा रास्ता जुन्नर घाटघर से होकर जाता है यह रास्ता बहोत आसन है direct fort जाता है
Jivdhan fort Trek
Jivdhan fort तक जाणे के दो मार्ग है एक नाणे घाट से होकर कल्याण दवाजे नाम से जाना जाता है तो दुसरा घाटघर से होकर जुन्नर नाम से जाना जाता है
गढ़वाली सीढ़ियों Jivdhan Trek के द्वार एक समकोण पर है और द्वार की सुरक्षा के लिए बाईं ओर एक गढ़ बनाया गया है। सीढ़ियां चढ़ने के बाद भी आपको किले का दरवाजा नहीं दिखाई देता। दरवाजे में प्रवेश करने के बाद, आप दाईं ओर एक गुफा देख सकते हैं इस गुफा का बुरा हाल है
Jivdhan फोर्ट का सबसे उंचा स्थान 3754 फीट ऊपर है और उसका क्षेत्रफळ 65 एक्कर मैं है Jivdhan Trek के दोरान एक चोकोर आकार का कुंड है याहा से कूछ दुरी पर 5टँकी का समूह हैं इनामैसे दो टँकी आपस मैं दुदे है अन्य तीन small है
Jivdhan Fort की एक तरफ प्रसिद्ध वरालींगी सुळका है यह रॉक क्लाइंबर्स द्वारा अक्सर सर किया जाता है Jivdhan Fort आकार आयातकर है यह वानरलिंगी के किनारे से कोंकण के सुंदर मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। जिवधन किला ट्रेक के ऊपर से, नाना चा अंगठा , हरिश्चंद्रगढ़, रतनगढ़, नानेघाट, हडसर किला, निमगिरी किला, हदसर, चावंड, कुकदेश्वर का मंदिर, धसाई का छोटा बांध और मालशेज घाट में सड़कें देख सकते हैं। यह देखने के लिये एक बार जरूर आना ओर अपना experience हमासे share karana
FAQ
Q1.जीवनधन किला घूमने का सबसे अच्छा समय?
Ans:-जीवनधन किला घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून का हैं आपको इस समय पर बारिश के सात झरणे का आनंद ले सकते हैं और एक ट्रेक मानसून मैं risky भी हो सकता है
Q2.जीवनधन किला कैम्पिंग की जानकारी?
Ans:- यादी अपने tant नाही लेकर आये तो आप कोटी मैं रुक सकते हैं यह पे 8 से 10 लोग रह सकते हैं मगर आप isako अच्छा से साफ करना यादी अपने tant लेकार आये है तो आप सबसे पहले अच्छी जगह देखी फिर हवा को देखर tant लगा लेना
Q3.क्या जीवधन किल्ला यात्रा कठिन है?
Ans:- जीवधन किल्ला यात्रा कठिन तो न्यू ट्रेकर्स को हो सकता है बारिश मैं नहीं तो अपने पहले ट्रेक किया हैं तो कठीण नाही है
Q4.जीवधन किल्ला पर चढ़ने में कितना समय लगता है?
Ans:- आपको याहां पे पाहोचाने के लिये 2 घंटे लाग सकते हैं आप न्यू ट्रेकर्स है तो आपको जाधा समय लाग सकता है और मान्सून मैं ओर समय लाग सकता है
Q5.जीवधन किल्ला कैसे पहुंचे?
Ans:- आप एक अनुभवी ट्रेकर हैं तो आपको नानेघाट मार्ग से जाना चाहिए अन्यथा दूसरा मार्ग ठीक है All the best next trip
Thanks for you 😊😊